शनिवार, 31 मार्च 2012

मेरी पहली किताब "जला सो अल्लाह" का लोकार्पण समारोह संपन्न

मेरी पहली किताब "जला सो अल्लाह" (संत जलाराम बापा की जीवन-कथा) का लोकार्पण समारोह रविवार, २५ अप्रैल २०१२ को बिलासपुर प्रेस क्लब में सादगी के साथ संपन्न हुआ.इस समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार-साहित्यकार श्री सतीश जायसवाल, विशिष्ट अतिथि दैनिक हरिभूमि के समाचार सम्पादक श्री ज्ञान अवस्थी, दैनिक भास्कर के वरिष्ठ उप सम्पादक श्री यशवंत गोहिल और प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष श्री कमलेश शर्मा थे.समारोह की अध्यक्षता पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री सोमनाथ यादव ने की.समारोह का ओजस्वी संचालन दूरदर्शन और आज तक टीवी न्यूज चेनल के संवाददाता श्री कमल दुबे ने किया. धन्यवाद ज्ञापित न्यूज एजेंसी पी.टी.आई. के संवाददाता श्री राजेश दुआ ने किया.                

किताब "जला सो अल्लाह" के लोकार्पण समारोह का ग्रैंड न्यूज वीडियो


किताब "जला सो अल्लाह" के लोकार्पण समारोह का न्यूज वीडियो


मंगलवार, 27 मार्च 2012

"जला सो अल्लाह" के लोकार्पण का समाचार दैनिक देशबंधु में प्रकाशित

किताब "जला सो अल्लाह" के लोकार्पण का समाचार २६ मार्च को दैनिक देशबंधु के बिलासपुर संस्करण में प्रकाशित हुआ. 

"जला सो अल्लाह" के लोकार्पण का समाचार दैनिक भास्कर में प्रकाशित

मेरी पहली किताब "जला सो अल्लाह" के लोकार्पण का समाचार दैनिक भास्कर के बिलासपुर संस्करण में २६ मार्च को प्रकाशित हुआ. 

किताब "जला सो अल्लाह" के लोकार्पण का समाचार

मेरी पहली किताब "जला सो अल्लाह" का लोकार्पण समारोह रविवार, २५ मार्च को दोपहर दो बजे बिलासपुर प्रेस क्लब में संपन्न हुआ. इसका विस्तृत समाचार २६ मार्च को दैनिक हरिभूमि के बिलासपुर संस्करण में प्रकाशित हुआ.   

सोमवार, 26 मार्च 2012

"Jalaa so allaah" kaa lokaarpan

बिलासपुर प्रेस क्लब में "जला सो  
अल्लाह" का लोकार्पण संपन्न 
बिलासपुर. "हिन्दी साहित्य में संत परम्परा और उनकी जीवनी पर केन्द्रित साहित्य का इस दौर में अभाव बना हुआ है. दिनेश ठक्कर लिखित संत जलाराम बापा पर पुस्तक "जला सो अल्लाह" (सन्त जलाराम बापा की जीवन-कथा) इस कमी को पूरी करती हुई एक कृति है". उक्त वक्तव्य रविवार, २५ मार्च को दोपहर दो बजे बिलासपुर प्रेस क्लब में वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार श्री सतीश जायसवाल ने "जला सो अल्लाह" के लोकार्पण समारोह के दौरान मुख्य अथिति की आसंदी से व्यक्त किये. श्री जायसवाल ने आगे कहा "श्री दिनेश ठक्कर ने चार दशकों की पत्रकारिता के बाद साहित्य के क्षेत्र में कदम रखा है". लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री सोमनाथ यादव ने इस अवसर पर कहा "संतों की जीवनी का व्यक्ति के मानस पर गहरा असर पड़ता है. उन्होंने स्वयं सौराष्ट्र की यात्रा के दौरान संत जलाराम बापा की जन्म और कर्म स्थली वीरपुर में जाकर दर्शन लाभ लिया है". समारोह में दैनिक भास्कर के उप सम्पादक श्री यशवंत गोहिल ने संत जलाराम की सेवा भावना का उल्लेख करते हुए कहा "उनका दाम्पत्य जीवन दीन दुखियों की की सेवा में सदैव समर्पित था. बापा संत महात्माओं की सेवा में सदैव आगे रहते थे". उन्होंने जलाराम बापा द्वारा भगवान् श्री राम स्वरुप एक महात्मा को अपनी धर्म पत्नी वीर बाई के दान का प्रसंग भी उल्लेखित किया. वरिष्ठ पत्रकार और प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष श्री ज्ञान अवस्थी ने भी कहा "संत साहित्य का प्रकाशन समाज को एक नयी दिशा देता है. श्री ठक्कर की कृति इसका एक जीवंत उदाहरण है.' इसके पहले बापा पब्लिकेशन से प्रकाशित श्री ठक्कर की पहली पुस्तक "जला सो अल्लाह" का विधिवत लोकार्पण श्री सतीश जायसवाल के करकमलों से हुआ. श्री ठक्कर ने स्वयं अपनी पुस्तक के प्रमुख अंशों का पठन किया. श्री ठक्कर ने जलाराम बापा के जीवन दर्शन की व्याख्या करते हुए कहा "बापा ने दरिद्र नारायण की सेवा को ही प्रभु भक्ति माना और अपना सम्पूर्ण जीवन इसी सेवा भावना को समर्पित कर दिया. खुद भूखे रहकर दूसरों का पेट भरना उनका प्रमुख सिद्धांत था. वे रोटी में राम के दर्शन करवाते थे". लोकार्पण समारोह में प्रेस क्लब के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमलेश शर्मा, निर्मल मानिक, सुब्रत पाल, राजीव दुआ, मनोज राय, रितेश शर्मा, सुनील शर्मा, दिलीप जगवानी, श्रीचंद मखीजा, मनोज सिंह ठाकुर, मोहन सोनी, पवन सोनी, जितेन्द्र रात्रे, जितेन्द्र ठाकुर, द्विवेंदु सरकार सहित समाचार पत्र और साहित्य जगत के अनेक लोग उपस्थित थे. समारोह का ओजस्वी संचालन वरिष्ठ पत्रकार कमल दुबे और आभार प्रदर्शन राजेश दुआ ने किया.                   

गुरुवार, 22 मार्च 2012

"Jalaa so allaah"

मेरी पहली किताब "जला सो अल्लाह" (संत जलाराम बापा की जीवन-कथा) का लोकार्पण चैत्र नवरात्रि के दौरान होना है. इस किताब को मैंने अपनी मातुश्री स्व. श्रीमती सरस्वती बेन और पिताश्री स्व. श्री केशवलाल ठक्कर को समर्पित किया है. आप सभी शुभचिन्तक मित्रों के उत्साहवर्धन स्वरुप यह किताब बापा पब्लिकेशन, बिलासपुर से प्रकाशित हुई है.    

बुधवार, 21 मार्च 2012

"Jalaa so allaah"

"जला सो अल्लाह"
 का प्राक्कथन-अंश 
जलाराम बापा के प्रति अनुयायियों की आस्था और श्रद्धा को समय का चक्र भी प्रभावित नहीं कर सका है. इनके अनुयायी देश ही नहीं वरन पूरी दुनिया में हैं. व्यक्तिगत तौर पर मैं और मेरा परिवार भी जलाराम बापा के प्रति अगाध श्रद्धा और आस्था रखता है. जब भी मुझ पर कोई विपत्ति आयी है, तब जलाराम बापा को श्रद्धापूर्वक याद करने से राहत मिली है. जलाराम बापा की जन्म और कर्म भूमि वीरपुर गाँव में उनके मंदिर में भी मत्था टेकने से आत्मिक संतोष की अनुभूति होती है.  

मंगलवार, 20 मार्च 2012

"jalaa so allaah"- bhoomikaa-ansh

"जला सो अल्लाह" की भूमिका का अंश  
 जलाराम बापा का जन्म- संवत १८५६, कार्तिक शुक्ल सप्तमी, सोमवार, ता. ४-११-१७९९, यज्ञोपवीत - संवत १८७०, विवाह- संवत १८७२, प्रभु का पहला चमत्कार देखा- संवत १८७३, चारों धाम की यात्रा की- संवत १८७४, सदाव्रत प्रारम्भ किया- संवत १८७६, माघ शुक्ल २, सोमवार, ता. १७-१-१८२०, जलाराम बापा की पत्नी वीर बाई को प्रभु ने झोली-डंडा अर्पित किया- संवत १८८५, पत्नी वीर बाई का स्वर्गवास- संवत १९३५, कार्तिक कृष्ण ९, सोमवार, ता. १८-११-१८७८, जलाराम बापा का स्वर्गवास- संवत १९३७, माघ कृष्ण १०, बुधवार, ता. २३-२-१८८१.              

सोमवार, 19 मार्च 2012

My book "jalaa so allaah"

मेरी किताब "जला सो अल्लाह" का प्राक्कथन : "राम नाम में लीन हैं, देखत सबमें राम, ताके पद वंदन करूं, जय जय श्री जलाराम" यह पंक्ति संत शिरोमणि श्रद्धेय जलाराम बापा के जीवन-दर्शन को गागर में सागर के सदृश्य रूपायित करती है. गृहस्थ आश्रम में रह कर भी जलाराम बापा ने सांसारिक मोह माया से परे हट कर सेवा और भक्ति को अपने जीवन का मूलमंत्र बनाया था. अपनी सेवाभावी धर्मपत्नी वीर बाई के सहयोग से इन्होंने सदाव्रत-अन्नदान सेवा कार्य के जरिये सामाजिक जीवन का प्रेरणादायी मार्ग प्रशस्त किया था. जलाराम बापा ने दरिद्र नारायण की सेवा को ही वास्तविक प्रभु भक्ति मान कर अपना समस्त जीवन समर्पित कर दिया था. दीन दुखियों और भिक्षुओं की सेवा उनकी पहली प्राथमिकता में शुमार था. "खुद भूखे रह कर दूसरों का पेट भरना" जलाराम बापा का प्रमुख सिद्धांत था. घर आये अथितियों में उन्हें प्रभु श्रीराम की झलक मिलती थी. भिक्षु, साधु -सन्यासी, यात्री सहित सभी आगंतुक अथितियों को वे "रोटी में राम" के दर्शन करवाते थे. इनके आँगन में आया श्रद्धालु व्यक्ति सार्थक जीवन दर्शन आत्मसात कर लौटता था. जलाराम बापा अपनी प्रशंसा और निंदा से कभी भी आत्ममुग्ध अथवा विचलित नहीं होते थे. धर्म-आख्यान और प्रवचन करने के बजाय वे जरूरतमंदों की सेवा को ही अपना प्रमुख लक्ष्य और कर्तव्य समझते थे. समय-समय पर ईश्वर ने भी जलाराम बापा की गहन कसौटी ली, जिसमें वे पूरी तरह खरे उतरे. श्रद्धालु और अनुयायी जलाराम बापा को सेवक संत के रूप में ईश्वर का अवतार मानते. सच्चे मन से जलाराम बापा के स्मरण मात्र से लोगों के दुःख दर्द दूर हो जाते. इनके स्नेहमयी स्पर्श और आशीर्वाद से प्रत्येक जीव में नवजीवन का संचार हो जाता था. सहृदयपूर्वक जलाराम बापा के नाम से मानी गई मन्नत फलीभूत होने में कोई संदेह नहीं रहता. उनके चमत्कार जनहित के पर्याय रहे हैं. आज भी यही स्थिति यथावत है. जलाराम बापा के प्रति अनुयायियों की आस्था और श्रद्धा को समय का चक्र भी प्रभावित नहीं कर सका है. इनके अनुयायी देश ही नहीं वरन पूरी दुनिया में हैं.                     


शुक्रवार, 16 मार्च 2012

"Jalaa so allaah" .... thanks

"जला सो अल्लाह".... आभार 
मेरी पहली किताब "जला सो अल्लाह" (संत जलाराम बापा की जीवन-कथा) का लोकार्पण समारोह बिलासपुर में इस चैत्र नवरात्रि के दौरान आयोजित करना तय हुआ है. इसके पहले ही देश-विदेश से प्राप्त उत्साहंवर्धन प्रतिक्रियाओं और आप सभी प्रबुद्ध ब्लाग पाठकों द्वारा हौसला अफजाई किये जाने के लिए धन्यवाद. इस किताब के प्रकाशक "बापा पब्लिकेशन" का नाम और लोगो भी मेरे लिए सौभाग्यशाली रहा.  

गुरुवार, 15 मार्च 2012

jalaa so allaah

 
जला सो अल्लाह 
मेरी पहली किताब "जला सो अल्लाह" (संत जलाराम बापा की जीवन-कथा) छप कर आ गई है. इसके प्रकाशक बापा पब्लिकेशन, बिलासपुर हैं. इसका लोकार्पण समारोह बिलासपुर में इस चैत्र नवरात्रि के दरम्यान करने की योजना है. इस किताब में गुजरात के पूजनीय अवतारी संत जलाराम बापा के सेवा भावी जीवन पर आधारित चालीस प्रेरणादायी कथाएं हैं, जो जीने की नयी राह दिखाती हैं. ये सभी कथाएं सर्वप्रथम मैंने अपने ब्लॉग "बापा की बगिया" में लिखी, जो फेसबुक पर भी लिंक की हुई हैं. आप सभी मित्रों-पाठकों से मिले बेहतर प्रतिसाद से प्रेरित होकर मैंने इन कथाओं को किताब का स्वरुप दिया है.